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मंगलवार, 11 मार्च 2014
ओम गं गणपतये नमः
ओम गं गणपतये नमः
वक्र तुंड महाकाय सूर्यकोटि सम्प्रभ
निर्विध्नम कृ में देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
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